चिड़िया के बच्चे को कैसे बचाएँ और उसकी देखभाल कैसे करें?
- mktpromeal
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चिड़िया के नन्हे बच्चे (जिन्हें चूजे या फ्लेज्लिंग भी कहा जाता है) को बचाना और उनकी देखभाल करना वास्तव में जीवन बचाने जैसा कार्य है। ये छोटे पक्षी बहुत नाज़ुक होते हैं और यदि ये अपने माता-पिता से अलग हो जाएँ, तो पूरी तरह से इंसानों पर निर्भर हो जाते हैं। उचित आहार, पर्याप्त गर्माहट और सही देखभाल मिलने पर रेस्क्यू किए गए चिड़िया के बच्चे धीरे-धीरे स्वस्थ होकर बड़े होते हैं और बाद में उन्हें सुरक्षित रूप से वापस प्रकृति में छोड़ा जा सकता है।
बचाने से पहले जाँच करें
जब आपको कोई चिड़िया का बच्चा या चूजा ज़मीन पर दिखता है, तो सबसे पहला विचार होता है कि उसे तुरंत उठा लें। लेकिन हर बच्चे को बचाने की ज़रूरत नहीं होती। कई बार वे पूरी तरह स्वस्थ फ्लेज्लिंग्स (यानी छोटे पंखों वाले युवा पक्षी) होते हैं, जो केवल उड़ना सीख रहे होते हैं। ऐसे मामलों में सबसे अच्छा यही है कि उन्हें उनके माता-पिता की देखरेख में ही छोड़ दिया जाए। बहुत जल्दी रेस्क्यू करना कभी-कभी चिड़िया की मदद करने के बजाय उसे नुकसान पहुँचा सकता है।
यहाँ कुछ बातें हैं जिनसे आप तय कर सकते हैं कि कब हस्तक्षेप करना ज़रूरी है:
घोंसला ढूँढें:
जब आपको ज़मीन पर कोई चिड़िया का बच्चा दिखाई दे, तो सबसे पहले उसके आसपास का घोंसला ढूँढें। चिड़ियाँ आमतौर पर पेड़ों, बालकनी या छत के कोनों में घोंसला बनाती हैं। अगर आपको घोंसला सुरक्षित रूप से मिल जाए, तो चूजे को धीरे से उसमें वापस रख दें। उसके माता-पिता उसकी देखभाल करना जारी रखेंगे।

माता-पिता पर नज़र रखें:
अगर आपको घोंसला दिखाई न दे, तो थोड़ा पीछे हटकर चुपचाप 30 से 60 मिनट तक बच्चे को देखें। कई बार उसके माता-पिता आसपास ही होते हैं और खाने के साथ वापस आते हैं। यह ज़्यादातर फ्लेज्लिंग्स (उड़ना सीख रहे बच्चे) के साथ होता है, जो ज़मीन पर कूदते-इधर-उधर दौड़ते रहते हैं और फिर भी माता-पिता उन्हें खाना खिलाते रहते हैं।
अगर बच्चा घायल हो:
अगर चिड़िया के बच्चे को खून आ रहा हो, उसका पंख टूटा हुआ हो या वह बहुत कमज़ोर दिख रहा हो, तो उसे तुरंत चिकित्सा की ज़रूरत है। ऐसे मामलों में चूजे को बिना देर किए पास के पशु चिकित्सक (वेट) या किसी स्थानीय पक्षी बचाव समूह के पास ले जाएँ।
अगर बच्चा छोड़ा हुआ हो (Abandoned):
अगर इंतज़ार करने के बाद भी माता-पिता दिखाई न दें और चूजा बहुत छोटा हो, उसके पंख न निकले हों या आँखें बंद हों, तो समझिए कि उसे छोड़ दिया गया है। ऐसा चूजा अकेले ज़िंदा नहीं रह सकता। ऐसे में आप उसे घर ला सकते हैं, गर्माहट दे सकते हैं और उचित आहार देकर उसकी देखभाल कर सकते हैं।
तज्ज्ञ सलाह : हमेशा याद रखें कि हस्तक्षेप करना आपकी आखिरी ज़रूरत होनी चाहिए। चिड़िया के बच्चों के लिए उनके माता-पिता ही सबसे अच्छे देखभाल करने वाले होते हैं। केवल तभी मदद करें जब चूजा वास्तव में छोड़ा हुआ हो, असुरक्षित जगह पर हो या घायल हो। इंसानी देखभाल केवल एक विकल्प है, लेकिन जहाँ तक संभव हो, चूजा अपने प्राकृतिक माता-पिता के साथ ही रहना चाहिए।
चिड़िया के बच्चे के लिए सुरक्षित घर कैसे बनाएँ?

जब आप किसी चिड़िया के बच्चे को रेस्क्यू करते हैं, तो सबसे पहले उसे एक सुरक्षित, गर्म और शांत जगह की ज़रूरत होती है। छोटे पक्षी बहुत नाज़ुक होते हैं, इसलिए उनके जीवित रहने के लिए एक उचित घर बनाना बहुत ज़रूरी है।
घोंसला (Nest Box):एक छोटा कार्डबोर्ड डब्बा, जूते का डब्बा या टोकरी लें और उसे घोंसले की तरह तैयार करें। अंदर मुलायम कपड़ा या टिश्यू पेपर बिछाएँ ताकि चूजा आराम से रह सके, जैसे कि वह अपने असली घोंसले में हो। ध्यान रखें कि ऊन, सिंथेटिक कपड़ा या प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इनमें चूजे के छोटे पैर और पंजे फँस सकते हैं।
गर्माहट (Warmth): चिड़िया के छोटे बच्चे खुद को गर्म नहीं रख सकते, ख़ासकर जब वे बहुत छोटे होते हैं। अगर चूजा बहुत नन्हा है और उसके शरीर पर पंख नहीं हैं, तो उसे ज़्यादा गर्मी की ज़रूरत होती है – लगभग 35–40°C। जैसे-जैसे वह बड़ा होता है और उसके शरीर पर पंख आने लगते हैं, उसे थोड़ी कम गर्मी चाहिए – लगभग 28–32°C। इस गर्माहट को देने के लिए आप टेबल लैम्प, हीटिंग पैड या कपड़े में लिपटी गर्म पानी की बोतल का इस्तेमाल कर सकते हैं। हमेशा ध्यान रखें कि चूजा अगर ज़्यादा गर्मी महसूस करे, तो वह गर्मी के स्रोत से दूर जा सके।
सुरक्षा (Safety): डब्बे को अपने घर के किसी शांत और सुरक्षित कोने में रखें। उसे पंखे, खिड़की या शोरगुल वाली जगह के पास न रखें। साथ ही, उसे पालतू जानवरों जैसे बिल्ली या कुत्ते से भी दूर रखें, क्योंकि वे चिड़िया के बच्चे को नुकसान पहुँचा सकते हैं। एक शांत और सुरक्षित माहौल चूजे को सुरक्षित महसूस कराता है और उसका तनाव कम करता है।
तज्ज्ञ सलाह: चिड़िया के बच्चे अपने शरीर का तापमान खुद नियंत्रित नहीं कर सकते, इसलिए उनके लिए गर्म और सुरक्षित घोंसला भोजन जितना ही ज़रूरी है। हमेशा मुलायम कॉटन या टिश्यू का इस्तेमाल करें, लेकिन कभी भी ऊन या प्लास्टिक न रखें, क्योंकि उनमें उनके छोटे पैर और पंजे फँस सकते हैं। घोंसले का एक हिस्सा हमेशा गर्म और दूसरा हिस्सा थोड़ा ठंडा रखें, ताकि चूजा अपनी सुविधा के अनुसार इधर-उधर जा सके।
What to Feed a Baby Sparrow?

भोजन (Food) चिड़िया के बच्चे के जीवित रहने और स्वस्थ होकर बढ़ने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है। बड़ी चिड़ियाँ जहाँ बीज और अनाज खाती हैं, वहीं छोटे चूजों को प्रोटीन से भरपूर आहार की ज़रूरत होती है, जिससे उनकी हड्डियाँ, मांसपेशियाँ और पंख मज़बूत बन सकें। प्रकृति में, माता-पिता चिड़िया अपने बच्चों को ज़्यादातर कीड़े-मकोड़े ही खिलाते हैं, क्योंकि उनमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है और वे आसानी से पच भी जाते हैं। इसलिए जब हम किसी चिड़िया के बच्चे को रेस्क्यू करते हैं, तो हमें उसके लिए भी वैसा ही प्राकृतिक आहार उपलब्ध कराने की कोशिश करनी चाहिए।
मीलवर्म्स (जिंदा या सूखे):
मीलवर्म्स चिड़िया के बच्चों के लिए सबसे अच्छा भोजन है। इनमें प्रोटीन और हेल्दी फैट भरपूर मात्रा में होता है, जो चूजों को जल्दी बढ़ने और मज़बूत बनने में मदद करता है। सूखे मीलवर्म्स भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं, लेकिन उन्हें खिलाने से पहले गुनगुने पानी में भिगोकर नरम कर लेना चाहिए, ताकि चूजा आसानी से खा सके।
छोटे कीड़े(Crickets), वैक्सवर्म्स और सुपरवर्म्स:
ये कीड़े प्रोटीन और ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत हैं। ये चिड़िया के बच्चों की हड्डियों और पंखों की स्वस्थ वृद्धि में मदद करते हैं। छोटे बच्चों के लिए हमेशा इन कीड़ों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर दें, ताकि उनका उनके गेले मे ना फँसे।
कुचले हुए फल (जैसे केला, पपीता और आम):
फल मुख्य आहार नहीं हैं, लेकिन थोड़ी मात्रा में दिए जा सकते हैं। ये प्राकृतिक विटामिन और पानी प्रदान करते हैं, जिससे चूजे का संपूर्ण स्वास्थ्य अच्छा रहता है। फलों को हमेशा अच्छे से मैश करके मुलायम पेस्ट बना लें, ताकि बच्चा आसानी से खा सके।
पानी में भिगोए गए सूखे कीड़े (Rehydrated dried insects):
अगर आपके पास जिंदा कीड़े उपलब्ध नहीं हैं, तो सूखे कीड़े भी एक अच्छा विकल्प हैं। लेकिन इन्हें हमेशा पहले पानी में भिगोएँ, ताकि वे नरम हो जाएँ और बच्चे के खाने के लिए सुरक्षित बन सकें।
कौंसे खाने की चीज़ चिड़िया के बच्चों को ना दे?
कुछ खाद्य पदार्थ हमें देखने में साधारण और हानिरहित लगते हैं, लेकिन वे चिड़िया के बच्चों के लिए बहुत ख़तरनाक साबित हो सकते हैं। दूध और डेयरी उत्पाद उनके लिए सबसे ज़्यादा हानिकारक हैं, क्योंकि बच्चे इन्हें पचा ही नहीं पाते और यह उनके लिए जानलेवा भी हो सकता है। इसी तरह ब्रेड और बिस्कुट में कोई पोषण नहीं होता और ये बच्चे के फूड स्टोरेज पाउच (क्रॉप) को जाम कर देते हैं, जिससे पाचन कठिन हो जाता है। चावल भी सुरक्षित नहीं है, क्योंकि यह अक्सर पेट फूलने और पाचन की समस्या पैदा करता है। इसके अलावा, छोटे बच्चों को कभी भी कड़े दाने या बीज नहीं देने चाहिए, क्योंकि उनकी चोंच और पेट इन्हें संभालने के लिए तैयार नहीं होते। बीज केवल तब ही दिए जा सकते हैं जब बच्चा लगभग 3–4 हफ़्ते का हो जाए और खुद से खाना शुरू कर दे।
तज्ज्ञ सलाह : जब भी आप चिड़िया के बच्चों को खाना खिलाएँ, तो हमेशा प्रकृति का अनुसरण करने की कोशिश करें। उनके आहार का ज़्यादातर हिस्सा कीड़े-मकोड़े जैसे मीलवर्म्स और क्रिकेट्स होना चाहिए, और साथ में थोड़ी मात्रा में फल देकर अतिरिक्त पोषण दिया जा सकता है। इंसानों का खाना जैसे दूध, ब्रेड और बिस्कुट कभी न दें, क्योंकि ये उनके लिए हानिकारक हैं। याद रखें, सही समय पर सही भोजन देना ही बच्चे के जीवित रहने की सबसे बड़ी कुंजी है। यही कारण है कि Promeal में हम हमेशा सेंद्रिय (ऑर्गेनिक) जीवित और सूखे कीड़े उपयोग करने की सलाह देते हैं — ठीक वैसे ही जैसे चिड़िया अपने बच्चों को प्राकृतिक रूप से खिलाती है।
चिड़िया के बच्चों को खिलाने का समय-सारणी

चिड़िया के बच्चों को बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है क्योंकि वे बेहद तेज़ी से बढ़ते हैं। उनका पेट बहुत छोटा होता है, इसलिए वे ज़्यादा देर तक भोजन संग्रह नहीं कर पाते। यही कारण है कि उन्हें दिनभर बार-बार खिलाना ज़रूरी है।
0–3 दिन (Hatchlings): हर 20–30 मिनट में खिलाएँ। केवल कीड़ों का पेस्ट या बारीक कुटे हुए मीलवर्म्स दें।
4–12 दिन (Nestlings): हर 30–60 मिनट में खिलाएँ। छोटे-छोटे कीड़ों के टुकड़े, पानी में भिगोए गए सूखे मीलवर्म्स और थोड़ा मैश किया हुआ फल दें।
13–21 दिन (Fledglings): हर 2–3 घंटे में खिलाएँ। अब ये पूरे मीलवर्म्स, छोटे कीड़े और मुलायम फल खा सकते हैं।
3 सप्ताह से अधिक (Juveniles): दिन में 3–4 बार खिलाएँ। धीरे-धीरे उन्हें खुद से खाने की आदत डालें और खाने के लिए बर्तन में कीड़े व छोटे बीज रखें।
हमेशा बच्चे की फूड पाउच (Crop) देखें, जो गले के पास होता है। अगर यह भरा हुआ लगे तो तुरंत न खिलाएँ। ज़्यादा खिलाने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
चिडियाँ की विकास और सेहत पर नज़र रखें

चिड़िया के बच्चे के विकास पर नज़र रखना बहुत ज़रूरी है, ताकि यह पता चल सके कि वह सही तरीके से बढ़ रहा है या नहीं। एक स्वस्थ बच्चा हर कुछ दिनों में अलग-अलग बदलाव दिखाता है।
दिन 1–5: इस समय बच्चा अपनी आँखें बंद रखता है, हल्की चहचहाहट करता है और पूरी तरह से गर्माहट व भोजन पर निर्भर रहता है।
दिन 6–10: आँखें खुलने लगती हैं और छोटे-छोटे पंख (पिन फेदर) निकलने लगते हैं। चहचहाहट तेज़ हो जाती है और बच्चा भोजन माँगने में सक्रिय हो जाता है।
दिन 11–15: बच्चा धीरे-धीरे उछलना-कूदना शुरू करता है, अपने पंख फैलाता है और फड़फड़ाता है। अब उसके शरीर का अधिकांश हिस्सा पंखों से ढकने लगता है।
दिन 16–21: इस अवस्था में बच्चा छोटी-छोटी उड़ानें भरने की कोशिश करता है और लगभग युवा चिड़िया जैसा दिखने लगता है। इसमें आत्मनिर्भरता के लक्षण दिखने लगते हैं।
दिन 22+: बच्चा अब अपने आप खाना खाने लगता है, पूरी तरह पंखों से ढक जाता है और बाहर छोड़ने से पहले ट्रेनिंग के लिए तैयार हो जाता है।
अगर बच्चा खाना माँगना बंद कर दे, पंख ढीले छोड़ दे, पतला दस्त करे या असामान्य रूप से शांत हो जाए, तो यह बीमारी का संकेत हो सकता है। ऐसे मामलों में तुरंत किसी पशु चिकित्सक (वेट) से संपर्क करना ज़रूरी है।
चिड़िया के बच्चे को उड़ना और खुद खाना कैसे सिखाएँ?

चिड़िया को प्रकृति में छोड़ने से पहले उसका स्वतंत्र होना बहुत ज़रूरी है। स्वतंत्रता प्रशिक्षण (Independence Training) एक अहम प्रक्रिया है, जो चिड़िया के बच्चे को बाहर के जीवन के लिए पूरी तरह तैयार करती है।
बड़ा पिंजरा (Bigger Cage):
जब चिड़िया का बच्चा कूदने और पंख फड़फड़ाने लगे, तो उसे एक बड़े पिंजरे में स्थानांतरित करें। इससे उसे पंख फैलाने और छोटी उड़ानों का अभ्यास करने की पर्याप्त जगह मिलेगी। पिंजरे में डंडियाँ (perches) लगाएँ, ताकि वह चढ़ने और संतुलन बनाने का अभ्यास कर सके।
खुद खाना सीखना (Self-Feeding):
धीरे-धीरे हाथ से खिलाना कम करें और बच्चे को खुद से खाना खाने की आदत डालें। पिंजरे में उथले बर्तन में कीड़े और छोटे बीज रखें। जैसे ही वह स्वयं खाना उठाने लगेगा, वह जंगली जीवन जीने के लिए एक कदम और आगे बढ़ जाएगा।
बाहर का अभ्यास (Outdoor Practice):
हर दिन पिंजरे को कुछ घंटों के लिए सुरक्षित स्थान पर बाहर रखें, जहाँ शिकारी न हों। इससे चिड़िया प्राकृतिक धूप, अन्य पक्षियों की आवाज़ें और मौसम में होने वाले बदलावों की अभ्यस्त हो जाएगी। यह अभ्यास उसे रिहाई के समय आत्मनिर्भर और तनावमुक्त बनने में मदद करेगा।
चिड़िया के बच्चे को कब और कैसे प्रकृति में वापस छोड़ें?

रेस्क्यू किए गए चिड़िया के बच्चे को बचाने का मुख्य उद्देश्य उसे सुरक्षित रूप से वापस प्रकृति में छोड़ना होता है। चिड़ियाँ पालतू नहीं बल्कि जंगली पक्षी हैं, और उनका असली घर हमेशा बाहर अपनी टोली (फ्लॉक) के साथ ही होता है। जब चूजा स्वस्थ हो जाए, उसके पूरे पंख निकल आएँ, वह अच्छे से उड़ने लगे और खुद से खाना खाने लगे (आमतौर पर 4–5 हफ़्तों में), तभी उसे रिहा करने का सही समय होता है।
सबसे अच्छा समय और स्थान (Best Time & Place): सुबह का समय सबसे उपयुक्त होता है, क्योंकि चिड़िया को पूरे दिन नए वातावरण में खुद को ढालने का समय मिलता है। ऐसे क्षेत्र का चुनाव करें जहाँ पेड़, झाड़ियाँ और अन्य चिड़ियाँ मौजूद हों। खुले मैदान, शिकारी जानवरों वाले क्षेत्र या खराब मौसम में चिड़िया को कभी न छोड़ें।
कैसे छोड़ें? (How to Release):
चिड़िया को कभी भी हवा में उछालकर न छोड़ें। बस उसके पिंजरे को बाहर रखें, दरवाज़ा खोलें और उसे अपने आप बाहर आने दें। पहले कुछ दिनों तक आसपास भोजन जैसे मीलवर्म्स, दाने या फल रख दें, ताकि उसे आसानी से सहारा मिल सके।
पुनर्वास (Rehoming) के बारे में क्या?
पालतू जानवरों की तरह चिड़ियों का पुनर्वास (rehoming) संभव नहीं है। उनका असली घर हमेशा प्रकृति ही है। यदि किसी चिड़िया को स्थायी चोट लगी हो और वह बाहर जीवित न रह सके, तो उसे किसी मान्यता प्राप्त पक्षी बचाव केंद्र या अभयारण्य में ले जाना चाहिए, जहाँ विशेषज्ञ उसकी सुरक्षित देखभाल कर सकें।
तज्ज्ञ सलाह: चिड़िया का सबसे अच्छा घर हमेशा प्रकृति ही होता है। यदि चिड़िया के बच्चे को प्राकृतिक कीड़ों से भरपूर आहार (जैसे मीलवर्म्स, क्रिकेट्स और वैक्सवर्म्स) दिया गया हो, तो वह और भी मज़बूत और स्वस्थ बनता है और रिहाई के बाद उसके जीवित रहने की संभावना अधिक होती है। केवल स्थायी चोट लगने की स्थिति में ही चिड़िया को पुनर्वास केंद्र या पक्षी अभयारण्य में रखा जाना चाहिए — किसी निजी घर में नहीं।
चिड़िया की देखभाल करते समय किन गलतियों से बचें?

चिड़िया के बच्चे को रेस्क्यू करते समय छोटी-सी गलती भी उसके जीवन पर असर डाल सकती है। यहाँ कुछ आम गलतियाँ दी गई हैं और यह भी बताया गया है कि इनसे क्यों बचना चाहिए:
गलत खाना खिलाना:
कई लोग दूध, ब्रेड या चावल खिलाते हैं, यह सोचकर कि यह सुरक्षित है। लेकिन वास्तव में चिड़िया इन्हें पचा ही नहीं सकती। दूध से उनका पेट खराब हो जाता है, ब्रेड में कोई पोषण नहीं होता और चावल से पेट फूलने की समस्या हो सकती है। ये सभी चीज़ें बच्चे को कमज़ोर बना देती हैं।
बहुत ज़्यादा छूना या उठाना:
चिड़िया के बच्चे बहुत नाज़ुक होते हैं। बार-बार उठाने या छूने से उन्हें तनाव होता है और उनकी हड्डियों या पंखों को चोट लग सकती है। केवल ज़रूरत पड़ने पर ही उन्हें संभालें, जैसे खिलाने या घोंसला साफ़ करने के समय।
रात में गर्माहट न देना:
छोटी चिड़ियाँ अपने शरीर का तापमान खुद नियंत्रित नहीं कर सकतीं। अगर उन्हें गर्मी न मिले, खासकर रात में, तो वे कमज़ोर होकर मर भी सकती हैं। हमेशा सुरक्षित गर्माहट दें, जैसे लैंप या कपड़े में लपेटी हुई गर्म पानी की बोतल।
घोंसले की सफाई न करना:
गंदा घोंसला संक्रमण का कारण बन सकता है। बच्चे बार-बार मल त्याग करते हैं, इसलिए बिछावन रोज़ बदलना ज़रूरी है। साफ़ और सूखा घोंसला भोजन जितना ही महत्वपूर्ण है।
बहुत जल्दी छोड़ देना:कुछ लोग चिड़िया को तब ही छोड़ देते हैं जब वह अभी उड़ने या खुद खाने लायक नहीं होती। बाहर ऐसी चिड़िया जीवित नहीं रह सकती। हमेशा तब ही छोड़ें जब वह मज़बूत हो, पूरी तरह पंख निकले हों और वह खुद से खाना खा सके।
तज्ज्ञ सुझाव: चिड़िया के बच्चे की देखभाल का सबसे सुरक्षित तरीका है प्रकृति का अनुसरण करना। हमेशा बच्चे को गर्म रखें, उसे प्रोटीन से भरपूर कीड़े जैसे मीलवर्म्स और क्रिकेट्स खिलाएँ, घोंसले को रोज़ साफ़ रखें और तभी बाहर छोड़ें जब वह अच्छी तरह उड़ सके और खुद से खाना खा सके। ये सरल कदम उसकी जंगली जीवन में जीवित रहने की संभावना को कई गुना बढ़ा देते हैं।
एक नन्हीं चिड़िया को बचाने के लिए धैर्य, गर्माहट और सही भोजन की आवश्यकता होती है। यदि आप उसे कीड़ों से भरपूर आहार दें, सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में रखें, और धीरे-धीरे उसे खुद से खाना व उड़ना सिखाएँ, तो आप उसे जंगल के जीवन के लिए तैयार कर सकते हैं। थोड़ी-सी देखभाल से आप चिड़िया को आज़ादी का दूसरा मौका दे सकते हैं।
चिड़िया के बच्चों की देखभाल से जुड़े सामान्य प्रश्न
क्या चिड़िया के बच्चे पानी पी सकते हैं?
नहीं। सीधे पानी कभी न दें, इससे उनका दम घुट सकता है। उन्हें पानी की ज़रूरत कीड़े-मकोड़े और फलों से ही पूरी हो जाती है।
क्या चिड़ियों को पालतू बनाया जा सकता है?
नहीं। चिड़ियाँ जंगली पक्षी हैं और जैसे ही वे तैयार हों, उन्हें हमेशा प्रकृति में छोड़ देना चाहिए।
चिड़िया के बच्चों के लिए सबसे अच्छा भोजन क्या है?
प्रोटीन से भरपूर कीड़े जैसे मीलवर्म्स, क्रिकेट्स और वैक्सवर्म्स सबसे अच्छे भोजन हैं।
चिड़िया को उड़ने में कितना समय लगता है?
आमतौर पर 3–4 हफ़्तों में, अगर देखभाल सही हो तो।
क्या सूखे कीड़े ज़िंदा कीड़ों की जगह दिए जा सकते हैं?
हाँ, लेकिन उन्हें पहले पानी में भिगोना चाहिए। फिर भी, ज़िंदा मीलवर्म्स सबसे अच्छे होते हैं।
मुझे कैसे पता चलेगा कि चिड़िया का बच्चा छोड़ा हुआ है या अकेला है?
कम से कम 30–60 मिनट तक ध्यान से देखें। अगर माता-पिता न आएँ और बच्चा बहुत छोटा लगे (आँखें बंद हों, पंख न हों), तो समझें कि वह छोड़ा हुआ है और उसे इंसानी देखभाल की ज़रूरत है।
चिड़िया के बच्चे के लिए अस्थायी घोंसला कैसे बनाएँ?
एक छोटा कार्डबोर्ड बॉक्स, टोकरी या कंटेनर लें और उसमें मुलायम कॉटन कपड़ा या टिश्यू बिछाएँ। ऊन या सिंथेटिक कपड़े का इस्तेमाल न करें, क्योंकि उनमें उसके नन्हें पैर फँस सकते हैं।
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