अपनी बालकनी और बगीचे में चिड़िया को कैसे वापस बुलाएँ?
- mktpromeal
- 3 days ago
- 7 min read

एक पल के लिए आँखें बंद कीजिए और अपने बचपन की सुबहों को याद कीजिए।शायद आपको पृष्ठभूमि में चिड़ियों की प्यारी “चिरप-चिरप” सुनाई दे।ये नन्हीं भूरी चिड़ियाँ कभी हमारी रोज़ की साथी थीं—आँगन में कूदती-फाँदती, मिट्टी के घड़ों से पानी पीतीं और छत के कोनों में बने घोंसलों में अपने बच्चों को दाना खिलातीं।वे न तो बहुत खास थीं, न ही दुर्लभ, फिर भी उन्होंने हमारे घर और दिल खुशियों से भर दिए थे।
लेकिन आज, जब हम अपनी बालकनी में खड़े होते हैं, तो अक्सर सन्नाटा मिलता है।वही चिड़ियाँ जो कभी हमारी ज़िन्दगी का हिस्सा थीं, अब मोहल्लों से लगभग गायब हो चुकी हैं।अच्छी बात यह है कि अभी देर नहीं हुई है।थोड़ी-सी देखभाल और कोशिश से आप उन्हें फिर से वापस ला सकते हैं—और अपनी खाली बालकनी को फिर से चहचहाहट, हलचल और प्रकृति की खूबसूरती से भर सकते हैं।
चिड़िया क्यों गायब हो गई हैं?
चिड़ियों का कम होना कोई रहस्य नहीं है—यह हमारी शहरों की बनावट और जीवनशैली में बदलाव का नतीजा है।
घोंसले की जगहों की कमी: पुराने घरों में वेंटिलेटर, टाइल वाली छतें और दीवारों में दरारें होती थीं, जिनमें चिड़ियों को घोंसले बनाने के अनगिनत मौके मिलते थे। आज की कंक्रीट की इमारतों में उनके लिए कोई जगह ही नहीं बची।
भोजन की कमी: पहले कीड़े-मकोड़े, अनाज और रसोई से निकलने वाले छोटे-छोटे टुकड़े आसानी से मिल जाते थे। लेकिन अब कीटनाशकों और पैकेज्ड जीवनशैली की वजह से चिड़ियों का प्राकृतिक भोजन कम हो गया है।
शोर और वायु प्रदूषण: चिड़ियाँ बहुत संवेदनशील पक्षी हैं। लगातार शोर, धूल और धुआँ उन्हें शहरी इलाकों में रुकने से रोकती है।
बड़े पक्षियों से प्रतिस्पर्धा: कबूतर और कौए हमारी बालकनियों में हावी हो जाते हैं और अक्सर चिड़ियों को भगा देते हैं।
नतीजा?अब हमारे घर चिड़ियों को स्वागत करने लायक नहीं लगते—और वे चुपचाप हमें छोड़कर कहीं और चली गई हैं।
आपकी बालकनी को चिड़ियों (गौरैयों) की ज़रूरत क्यों है?

एक खाली बालकनी देखने में भले ही साफ़ और सजी-धजी लगे, लेकिन उसमें रूह और जीवन का स्पर्श नहीं होता। चिड़ियाँ वह आकर्षण लेकर आती हैं जिसे कोई सजावट पूरा नहीं कर सकती।
सुबहों को जीवंत बनाती हैं – उनकी मीठी चहचहाहट सुकून देती है और याद दिलाती है कि प्रकृति हमारे आस-पास ही है।
पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखती हैं – चिड़ियाँ कीड़े और छोटे हानिकारक कीट खाती हैं, जिससे पौधों की सुरक्षा होती है।
तनाव कम करती हैं – शोध बताते हैं कि पक्षियों की चहचहाहट सुनने से चिंता कम होती है और मन प्रसन्न रहता है।
प्रकृति से जोड़ती हैं – चिड़ियों को घोंसला बनाते या बच्चों को दाना खिलाते देखना जीवन के चक्र की सुंदर याद दिलाता है।
हलचल और ऊर्जा लाती हैं – बालकनी में चिड़ियाँ होने पर वहाँ कभी सन्नाटा नहीं रहता; उनकी उछल-कूद और फड़फड़ाहट माहौल को जीवंत बना देती है।
जैव-विविधता बढ़ाती हैं – जब चिड़ियाँ आना शुरू करती हैं, तो अक्सर दूसरी छोटी चिड़ियाँ भी उनका अनुसरण करती हैं, और बालकनी एक छोटे-से पारिस्थितिकी तंत्र में बदल जाती है।
ज़िम्मेदारी सिखाती हैं – पानी, दाना और आश्रय उपलब्ध कराकर चिड़ियों की देखभाल करना हमारे अंदर दया और सजगता (mindfulness) बढ़ाता है।
बच्चों को प्रकृति से परिचय कराती हैं – चिड़ियाँ बच्चों को प्रकृति से जोड़ती हैं और उन्हें पक्षियों व जानवरों की देखभाल का महत्व सिखाती हैं।
आपकी बालकनी को केवल पौधों या फर्नीचर की नहीं, बल्कि चिड़ियों की भी ज़रूरत है, ताकि वह सच में जीवंत और प्रकृति से जुड़ी लगे।
अपनी बालकनी में गौरैया (चिड़ियाँ) कैसे वापस लाएँ?

अगर आपके घर से गौरैया गायब हो गई हैं तो निराश न हों। ये मज़बूत और प्यारी चिड़ियाँ वापस लौट सकती हैं—बस उन्हें आपकी बालकनी में खाना, पानी, आश्रय और सुरक्षा चाहिए। थोड़े से ध्यान और कोशिश से आप अपनी बालकनी को उनके लिए एक स्वागत योग्य घर बना सकते हैं।
1. वह खाना दें जो उन्हें पसंद है |
चिडियाँ बहुत ज़्यादा नखरे नहीं करतीं, लेकिन उन्हें वही साधारण और प्राकृतिक खाना पसंद है जो वे जंगल या खुले में पाती हैं।
अनाज: छोटे फीडर में बाजरा, चावल, गेहूँ या टूटा हुआ मक्का रखें। बाजरा खास पसंद है क्योंकि इसके छोटे दाने चिडियों के लिए बिल्कुल सही होते हैं।
फल: सेब, पपीता या केला के छोटे टुकड़े दीजिए। ये सेहतमंद होते हैं और प्राकृतिक शर्करा व ऊर्जा देते हैं।
प्रोटीन: जीवित या सूखे मीलवर्म्स चिडियों के लिए सबसे खास ट्रीट हैं। इनमें भरपूर प्रोटीन होता है, जो प्रजनन के समय बेहद ज़रूरी है, जब माता-पिता चिड़ियाँ अपने बच्चों को खिलाने के लिए अतिरिक्त पोषण चाहती हैं।
खाना हमेशा उथली मिट्टी की कटोरी या लकड़ी के फीडर में दीजिए और कोशिश कीजिए कि रोज़ लगभग एक ही समय पर रखें। चिड़ियाँ आदत की पक्की होती हैं—एक बार जब उन्हें भरोसा हो जाएगा कि यहाँ रोज़ खाना मिलेगा, तो वे नियमित रूप से लौटकर आएँगी।
2. ताज़ा पानी हमेशा रखें |

शहरों में चिडियों के लिए साफ़ पानी पाना खाने से भी मुश्किल हो गया है। पानी न केवल पीने के लिए ज़रूरी है, बल्कि गर्म मौसम में ठंडक पाने और नहाने के लिए भी बहुत अहम है।
एक उथला बर्तन, मिट्टी का घड़ा या टेराकोटा बर्डबाथ साफ़ पानी से भरकर रखें।
उसमें एक छोटा कंकड़ या पत्थर रखें, ताकि चिड़ियाँ उस पर सुरक्षित बैठकर पानी पी सके।
पानी को रोज़ बदलें, ताकि मच्छर या काई न पनपे।
गौरैयों को पानी में छप-छप करते और नहाते देखना आपकी बालकनी से मिलने वाला सबसे सुंदर अनुभव होगा।
3. घोंसला बनाने की जगह दें |

चिड़ियाँ परिवार-प्रिय पक्षी होती हैं—वे तभी रुकती हैं जब उन्हें सुरक्षित घोंसला बनाने की जगह मिलती है।
अपनी बालकनी के किसी शांत और छायादार कोने में लकड़ी या मिट्टी का नेस्ट बॉक्स लगाएँ।
उसका छेद छोटा रखें (लगभग 3–4 से.मी.), ताकि सिर्फ़ चिड़ियाँ ही अंदर जा सकें और बड़े पक्षी दूर रहें।
नेस्ट बॉक्स को सीधी धूप, तेज़ बारिश और तेज़ हवा से थोड़ा सुरक्षित रखें।
यदि नेस्ट बॉक्स उपलब्ध न हो, तो लटकता हुआ मिट्टी का घड़ा, बाँस की टोकरी या मज़बूत गत्ता बॉक्स भी सुरक्षित घोंसला बन सकता है, बशर्ते वह स्थिर और ढका हो।
बॉक्स के पास थोड़ा सूखा घास, भूसा या नारियल का रेशा रख दें। चिड़ियाँ इन्हें खुशी से घोंसला बनाने के लिए इस्तेमाल करेंगी।
जब चिड़ियों को सुरक्षित आश्रय मिलता है, तो वे केवल आती-जाती नहीं, बल्कि आपका घर ही अपना स्थायी ठिकाना बना लेती हैं।
4. अपनी बालकनी में हरियाली जोड़ें |

पौधों वाली बालकनी चिड़ियों को और भी प्राकृतिक और आकर्षक लगती है।
चिड़िया-उपयुक्त पौधे चुनें: तुलसी, गुड़हल, सूरजमुखी और छोटे हर्ब्स कीड़े आकर्षित करते हैं और भोजन भी देते हैं।
लताएँ और बेलें लगाएँ: ये चिड़ियों को छिपने और सुरक्षित महसूस करने की जगह देती हैं।
फूल और अनाज का मिश्रण लगाएँ: ऐसे पौधे जो बीज या छोटे फल देते हैं, चिड़ियों के लिए अतिरिक्त भोजन का स्रोत बनते हैं।
पौधे न केवल आपकी बालकनी को सुंदर बनाते हैं, बल्कि एक छोटा पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करते हैं, जिसे चिड़ियाँ बहुत पसंद करती हैं।
5. सुरक्षित वातावरण बनाएँ |
भोजन और पानी देने के बावजूद चिड़ियाँ तभी रुकेंगी जब उन्हें सुरक्षा महसूस होगी।
रसायनों से बचें: बालकनी के पौधों पर कीटनाशक या स्प्रे का उपयोग न करें। ये चिड़ियों को सीधे नुकसान पहुँचा सकते हैं या उनके कीड़े-भोजन को कम कर देते हैं।
शिकारियों से बचाएँ: चिड़िया फीडर और घोंसलों के पास बिल्लियों, चूहों और बड़े पक्षियों जैसे कबूतर या कौओं को न भटकने दें।
शांत और सुकून भरी जगह दें: चिड़ियाँ जल्दी डर जाती हैं। फीडर और नेस्ट बॉक्स को बालकनी के शांत कोने में रखें, जहाँ आवाज़ और हलचल कम हो।
6. धैर्य और निरंतरता रखें |
चिड़ियाँ स्वभाव से सतर्क होती हैं। उन्हें आपकी बालकनी को सुरक्षित मानने में कुछ हफ़्ते लग सकते हैं।
हमेशा भोजन और पानी को एक ही जगह पर रखें।
अचानक बदलाव या फीडर और नेस्ट बॉक्स को बार-बार बदलने से बचें।
जब वे सुरक्षित महसूस करेंगी, तो रोज़ आने लगेंगी और हो सकता है कि आपके घर की बालकनी में ही अपने बच्चे भी पालें।
वह गुप्त आहार जिसे चिड़ियाँ सबसे ज़्यादा पसंद करती हैं |

अगर आप चाहते हैं कि चिड़ियाँ जल्दी वापस आएँ, तो इसके लिए सबसे बड़ा राज़ है उन्हें वह चीज़ देना जिसे वे कभी मना नहीं कर सकतीं—कीट।
प्रकृति में चिड़ियाँ केवल दाने नहीं खातीं। वे अवसरवादी भोजन करने वाली होती हैं और अपनी ज़िंदगी के लिए छोटे-छोटे कीड़े, भृंग और कीटों पर बहुत निर्भर रहती हैं। यह खास तौर पर प्रजनन के मौसम में सच होता है, जब माता-पिता चिड़ियों को अपने तेजी से बढ़ते बच्चों के लिए अधिक प्रोटीन-युक्त भोजन चाहिए होता है। अनाज और फल रोज़ाना खिलाने के लिए अच्छे हैं, लेकिन वे उतना पोषण नहीं देते जितना कीड़े।
यहीं पर मीलवर्म्स काम आते हैं। मीलवर्म्स—चाहे ज़िंदा हों, सूखे हों या फ्रीज़-ड्राइड—प्रोटीन और ज़रूरी पोषक तत्वों से भरे होते हैं। ये चिड़ियों को ताक़त देते हैं ताकि वे तंदुरुस्त रहें और अपने बच्चों को अच्छे से बड़ा कर सकें।
कई बर्ड-लवर्स ने बताया है कि जैसे ही उन्होंने अपनी बालकनी के फीडर में मीलवर्म्स रखना शुरू किया, चिड़ियाँ बहुत जल्दी लौट आईं—कभी-कभी तो सिर्फ़ कुछ दिनों में। जीवित मीलवर्म्स की हिलती-डुलती हरकत चिड़ियों को तुरंत आकर्षित करती है, जबकि सूखे मीलवर्म्स एक आसान और लंबे समय तक रखने योग्य विकल्प हैं जो उन्हें भरोसेमंद रूप से खींचते रहते हैं।
टिप: पहले फीडर में थोड़ा अनाज और कुछ मीलवर्म्स साथ रखें। जब चिड़ियाँ इन्हें खा लेंगी, तो वे रोज़ लौटकर आएँगी और हो सकता है आपकी बालकनी में घोंसला भी बना लें।
मीलवर्म्स देने का मतलब सिर्फ़ चिड़ियों को खिलाना नहीं है—बल्कि उन्हें वही प्राकृतिक आहार देना है, जिस पर वे हमेशा फलती-फूलती रही हैं। यह उन्हें शहरों की दुनिया में भी जीवित रहने और स्वस्थ रहने में मदद करता है।
आपकी बालकनी हमेशा ख़ामोश और खाली नहीं रहनी चाहिए। चिड़ियाँ भले ही गायब हो गई हों, लेकिन वे हमेशा के लिए नहीं गईं।सिर्फ़ कुछ छोटे बदलाव—एक कटोरी पानी रखना, थोड़े दाने बिखेरना, हरियाली लगाना और घोंसले की जगह देना—आप उन्हें वापस बुला सकते हैं।
और जब वे लौटेंगी, तो आपकी सुबहें कभी नीरस नहीं रहेंगी। आप फिर से उनकी मीठी चहचहाहट सुनेंगे, पौधों के बीच उनकी फड़फड़ाहट देखेंगे और महसूस करेंगे कि आपने प्रकृति को अपने घर के और क़रीब ला लिया है।
Promeal एक ऐसी कंपनी है जो पक्षियों, मछलियों और पालतुओं के लिए प्रीमियम कीट-आधारित आहार बनाती है। हमारे मीलवर्म्स, सुपरवर्म्स, क्रिकेट्स, रोचेस, वैक्सवर्म्स और हॉर्नवर्म्स पूरी तरह से ऑर्गेनिक डाइट पर पाले जाते हैं, ताकि वे आपके पालतुओं और पक्षियों को सबसे ज़्यादा प्रोटीन, ऊर्जा और प्राकृतिक स्वाद दे सकें।
अपने आँगन को एक बर्ड-फ्रेंडली स्वर्ग बनाने के लिए आज ही Promeal के प्रीमियम लाइव और ड्राइड कीट फूड आज़माएँ।हमारे “Shop” सेक्शन पर जाएँ और अपने पालतुओं व पक्षियों के लिए परफ़ेक्ट खाना चुनें!
Comments